हमेशा सावधान रहें -Always be Alert
एकबार
की बात है। जंगली में एक शेर रहता था वह इतना बूढ़ा हो गया था की शिकार
करने में असमर्थ था। इसलिए उसने अपने आप से कहा , मुझे कुछ करना चाहिए पेट
के लिए नहीं तो मैं भूखा मर जाऊंगा।
वह यही सोचता रहा तभी उसके दिमाग में एक उपाय सुझा। उसने निर्णय लिया की वह बीमार की तरह अपने गुफा में लेटा रहेगा। इस तरह जो कोई उसके स्वास्थ्य के बारे जानकारी लेने उससे मिलने आएगा सेर उसकी शिकार आसानी से कर लेगा। बूढ़े सेर ने अपने कुटिल योजना को प्रयोग में लाना शुरू किया। वह कई दिनों तक बीमार की तरह अपने गुफा में पड़ा रहा। जंगल के जानवर जब कई दिनों तक सेर को गुफा से बहार निकलते नहीं देखे तो उसे बीमार समाज कर उससे मिलने जाने लगे। सेर की गन्दी कुटिल नीति काम आने लगी। वह अपने पास आये जानवरों का आसानी से शिकार करने लगा। उसके बहुत से शुभ चिंतक जो उसके बीमार होने की खबर सुनकर हाल-चाल पूछने गए मारे गए। लेकिन बुराई का अंत होता है। किसी भी बुराई की बहुत अल्प आयु होती है।
वह यही सोचता रहा तभी उसके दिमाग में एक उपाय सुझा। उसने निर्णय लिया की वह बीमार की तरह अपने गुफा में लेटा रहेगा। इस तरह जो कोई उसके स्वास्थ्य के बारे जानकारी लेने उससे मिलने आएगा सेर उसकी शिकार आसानी से कर लेगा। बूढ़े सेर ने अपने कुटिल योजना को प्रयोग में लाना शुरू किया। वह कई दिनों तक बीमार की तरह अपने गुफा में पड़ा रहा। जंगल के जानवर जब कई दिनों तक सेर को गुफा से बहार निकलते नहीं देखे तो उसे बीमार समाज कर उससे मिलने जाने लगे। सेर की गन्दी कुटिल नीति काम आने लगी। वह अपने पास आये जानवरों का आसानी से शिकार करने लगा। उसके बहुत से शुभ चिंतक जो उसके बीमार होने की खबर सुनकर हाल-चाल पूछने गए मारे गए। लेकिन बुराई का अंत होता है। किसी भी बुराई की बहुत अल्प आयु होती है।
एक दिन सेर से मिलने एक लोमड़ी आई। जैसा कि लोमड़ियां स्वभाव से चतुर होती हैं, लोमड़ी गुफा के मुहाने पर कड़ी हो गयी और चारो तरफ देखने लगी। उसके छठी इंद्रिय की संवेदना काम किया और उसे सच्चाई समझते देर नहीं लगी। उसने देखा की गुफा के अंदर जाने के पद चिन्ह तो हैं, लेकिन गुफा से बाहर आने के पद चिन्ह नहीं दिख रहे। अतः उसने सेर को गुफा के बहार से आवाज दिया और पूछा, महाराज आप कैसे हैं।
शेर ने कहा, मैं अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूँ। लेकिन तुम अंदर क्यों नहीं आते?
महाराज ! मैं अंदर आना चाहूंगी लेकिन मैं देख रही हूँ की जानवरों के गुफा के अंदर जाने के पैर के निसान तो हैं लेकिन गुफा से बहार निकलने का निसान तो नहीं दिख रहा। कही आपके साथ साथ अंदर जाने वाले जानवरों की तबियत भी ख़राब तो नहीं हो जा रही है। क्षमा करें मैं गुफा के अंदर नहीं आ सकती। लोमड़ी ऐसे कह कर गुफा के द्वार से ही वापस चली गयी और सेर के छलपूर्ण योजना को जंगल के सारे जानवरों से बता दी।
सारांश -> हमेशा अपनी आँखें खुली रखें और किसी भी स्थिति में चलने से पहले सतर्क रहें।
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