जल्लीकट्टू तमिल में प्राचीन काल से लगभग १००-४०० ईसा पूर्व मनाया जाता रहा हैं। यह प्राचीन अइयर लोगों जो प्राचीन तमिल देश की 'Mullai' भौगोलिक क्षेत्र में रहते थे के बीच आम था। बाद में, यह बहाद…
Read more »गुरुकुल में छात्रों को मनपसंद विषय चुनने की स्वतंत्रता थी. छात्र अपने रूचि के विषय में गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। एक छात्र था अर्थकाम वह धन की कामना रखता था और ऐसी विद्या के बारे में जान…
Read more »Makar Sankranti Kharmas Ki Samapti मकर संक्रांति खरमास की समाप्ति पर मनाया जाने वाला त्योहार है. इस दिन स्नान दान का विशेष महत्व । नदियों,सरोवरो और पुण्य क्षेत्रों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लग…
Read more »राजा दिलीप की गौ सेवा, नंदनी गाय की कथाराजा दिलीप सूर्य वंश के एक बहुत ही प्रतापी राजा थे। वे महाराज रामचंद्र के पूर्वज भी माने जाते थे। दुर्भाग्य से, उनके कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा बहुत चिंत…
Read more »महर्षि आयोदधौम्य का आश्रम पुराने ज़माने में छात्र गुरुकुल आश्रम में पढ़ा करते हैं। छात्र गुरुकुल आश्रम में रहकर गुरु की सेवा किया करते थे और अध्ययन भी किया करते थे। आश्रम में शिक्षा पूरी कर फिर छात्र…
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