चाँदी की घंटी - तीन बौने भूत की कहानी

                             चाँदी  की घंटी

 
teen baune

एक बार की बात है। एक किसान रहता था। वह बहुत गरीब था। एक दिन वह अपने खेत में काम कर रहा था ,अचानक तेज बारिश आने लगी। वह बारिश से बचने के लिए पास के एक झोपडी के पास पहुचा। वह अंदर जाने ही वाला था ,अचानक उसे आवाज आई उसने खिड़की से झाक के देखा और बहुत डर गया।

अंदर तीन बौने भूत थे। एक भूत  एक चाँदी की घंटी लाया और उसने घंटी तीन बार बजाई और 50 सोने के सीके सामने  आगया। वह ये सब देख के बहुत डर गया। उसे लग रहा था की भूत उसे नहीं देख रहे है। तभी एक भूत ने उसे  आने को कहा। अब तो उसका होस का ढिकाना न रहा। वह हिमत बटोर के अंदर गया।

 उन भूतो ने  उसे तीन बक्से दिए और कहा इनमें से एक बक्सा चुनो, एक में 500 सोने के सीके है ,दूसरे में 10000 सोने के सीके है और तीसरे में एक छतरी है। वह बहुत ईमानदार था क्योकि बारिस हो रही थी उसने छतरी चुनी। सारे भूत बहुत खुस होए और वह उसे घंटी दी और कहा जब भी पेसो जरूरत हो इस घंटी को तीन बार बजाना 50 सोने के सीके आ जाएगें। यह बोल के वह सरे भूत गायब हो गए।

                                             अगले दिन से जब भी उसे पेसो की जरूरत होती वह घंटी तीन बार बजता और   अपनी जरूरतो को उस घंटी  की मदद से पूरा कर लेता। एक दिन उसने सोच रोज में सिर्फ 50 सोने के सीके लेता हु ,यह मेरे लिए बहुत काम है। ऐसे चला तो  आमिर बनने में बहुत समय लग जाएगा। यह सोच के उसने उस घंटी को 24 बार बजा दी। उसके ऐसा करते ही वह घंटी गायब हो गई। जैसे  ही घंटी गायब  होइ,उस घंटी की दी हुई सारि चीजें गायब  हो गई। तब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ। उसकी एक गलती से वह फिर से गरीब हो गया।                

शिक्षा 

इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें अधीर नहीं होना चाहिए सब्र का फल मीठा होता है। 
धीरे धीरे रे मना धीरे सब कुछ होय माली सींचे सौ घड़ा समय आये फल होय