सबसे बड़ा झूठा कौन: एक प्रतियोगिता - sabse bada jhootha kaun ek pratiyogita

 


एक समय की बात है एक राजा  के मन में बिचार आया कि सबसे झूठा व्यक्ति कौन है जिसके झूठ को कोई तर्क रूप से नकार न सके। राजा ने इसके लिए राज्य में घोषणा करा दिया कि अगर कोई व्यक्ति सबसे सटीक झूठ बोलता है तो २००० रुपये का पुरस्कार पायेगा। झूठ प्रामाणिक होना चाहिए जिसे राजा के तार्किक दरबारी विद्वान अस्वीकार न कर सके। झूठ प्रामाणिक नहीं होने पर प्रतियोगी को २००० रुपये दंड स्वरुप देने होंगे। 

राज्य में फरमान को पढ़कर लोग अपने अपने क्षमता के अनुसार अपने काबिलियत आजमाने की सोचने लगे। लेकिन राजा के शर्त को यादकर सभी मन खींच लिए। 

राज्य में तीन आदमी राजा के शर्त को सुनने के बाद भी अपनी झूठ बोलने की कौशल दिखाने चल पड़े। १ मौलवी २ नाइ ३ पंडित। 

१ मौलवी => महाराज मैं बधना (केतली/ जलपात्र ) लेकर इस्तिंजा करने गया था तो जोर से आँधी चली और मेरे बधना में एक हाथी आकर गिर पड़ा और बधना के टोंटी में फँस गया। 

राजा के सभासदों को किसीतरह इस झूठ को अस्वीकार करना था सो उन्होंने तर्क दिया कि आँधी खूब तेज चल रही हो बधना  बड़ा हो और हाथी छोटा हो तो यह संभव है। 

२ नाई => नाई ने कहा की महाराज मैं एक आदमी के बाल बना रहा था। २ दिन से बाल काट रहा हूँ अभी तक पूरा बाल काट नहीं पाया हूँ। 

राजा के सभासद बोले - नाई के उस्तरे और कैंची  निश्चय हीं ख़राब होंगे जिससे बाल नहीं काट पा रहे होंगे।  कंजूस नाई इन औजारों को सही करने के बजाय अपना और अपने कस्टमर का समय ख़राब किया है। नाई  भी प्रतियोगिता नहीं जीत पाया। 

३ पंडित जी => पंडित जी ने कहा महाराज आपके दादा जी ने मेरे दादा जी से २००० रुपये लिए थे और कहा था मेरा पोता (यानि आप ) तुम्हारे पोते (यानि मुझे ) को ये पैसा सूद सहित वापस कर देगा। अतः महाराज मैं वही पैसे आपसे लेने आया हूँ। 

अब ब्राह्मण से ऐसा सुनकर सभासदों ने विचार किया अगर इसके झूठ को झूठलाया जाता है तो सूद समेत २००० रपये देने पड़ेंगे। इससे अच्छा है इस प्रतियोगिता का इसको विजयी बना दिया जाए। 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ