तीज व्रत 2023
हरतालिका तीज इस दिन उदया तिथि में है, इसलिए लोग इस दिन तीज का व्रत रख रहे हैं, लेकिन इसी तिथि में तीज 18 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी और इसके बाद चतुर्थी शुरू हो जाएगी। इसलिए शाम को चंद्र दर्शन के समय चौथ तिथि होगी। आज के दिन चंद्र दर्शन निषेध है।
हरितालिका तीज व्रत भाद्र शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह व्रत मंगलवार २३ अगस्त को है। इस दिन भगवान शिव और पार्वती की अस्थायी मृण प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां अपने अमर सुहाग के लिए व्रत रहती हैं।
इस व्रत का नाम हरितालिका तीज होने की भी एक रोचक कहानी हैं।
किशोरी पार्वती शिव जी से विवाह करना चाहती थी लेकिन उनके पिता ने उनकी शादी नारद जी के कहने पर विष्णु जी से करने का निश्चय कर लिया था। पार्वती जी की साखियों ने उन्हें चुराकर घने जंगल में रखा था जिससे पार्वती की शादी विष्णु से न हो सके।
जंगल में पार्वती जी ने शंकर भगवान् की मिट्टी की प्रतिमा बना कर पूजन किया। जिससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए। शिव ने पार्वती से वर मांगने को कहा। देवी पार्वती ने वरदान माँगा कि आप मुझे पति रूप में प्राप्त हों। मैं आप से प्रेम करती थी और आपसे ही शादी करना चाहती थी। आप के प्रेम में विवश मैं पिता के गृह से सखियों द्वारा हर लायी गयी हूँ। आप वरदान दीजिये की जब मैं अपने पिता से मिलूं तो मेरे सभी अपराध भूल कर मुझे पूर्ववत प्यार करें। भगवान् शिव ने हिमवान कुमारी के दोनों बातो को मान लिए और तथास्तु कहा।
राजा हिमालय अपने पुत्री को खोजते खोजते जंगल में आ गए। अपने पुत्री को वन में कठोर तप करते देख वो बहुत दुखी हुए। वो पार्वती की बात मान लिए और कुमारी को घर लाये। फिर शुभ अवसर पर शिव पार्वती का विवाह हुआ। इस तरह इस व्रत की शुरुआत हुई
हरितालिका तीज व्रत के नियम
१) यह व्रत निर्जला रहा जाता है, अर्थात २४ घंटे निराहार और विना जल के है रहना पड़ता है।
२) यह व्रत मुख्यतः सौभाग्यवती स्त्रियां ही करती है लेकिन कुँवारी कन्यायें भी ये व्रत रह सकतीं हैं।
३) व्रत रहने वाली महिलाये रतजगा करती हैं। पुरे रात भजन कीर्तन करना इस व्रत के लिए विशेष महत्व रखता है
४) जिस घर में हरितालिका तीज व्रत हो रहा होता है नियम के अनुसार इसका खंडन नहीं किया जा सकता अर्थात इसके परंपरा का निर्वहन करना पड़ता है।
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