1️⃣ अपेंडिक्स क्या है?
अपेंडिक्स बड़ी आँत (Large Intestine) से जुड़ी एक छोटी नलिका-सी संरचना है। पहले इसे बेकार अंग माना जाता था, आयुर्वेद पहले से इसे उपयोगी मनाता था। लेकिन अब आधुनिक विज्ञान और आयुर्वेद दोनों इसे उपयोगी मानते हैं।
2️⃣ शाकाहारी व्यक्ति के लिए अपेंडिक्स का विशेष महत्व
शाकाहारी भोजन में:
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रेशा (Fiber) अधिक होता है
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पाचन धीमा और सूक्ष्म होता है
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आँतों में अच्छे बैक्टीरिया (Gut Flora) की भूमिका ज़्यादा होती है
👉 अपेंडिक्स इन्हीं अच्छे बैक्टीरिया का “भंडार” (Safe House) है।
जब दस्त, संक्रमण या एंटीबायोटिक से आँतों के अच्छे जीवाणु नष्ट हो जाते हैं, तब:
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अपेंडिक्स से ये बैक्टीरिया दोबारा आँतों में पहुँचते हैं
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पाचन को फिर से संतुलित करते हैं
इसलिए शाकाहारी व्यक्ति में अपेंडिक्स का योगदान और भी अधिक माना जाता है।
3️⃣ आयुर्वेदिक दृष्टि से
आयुर्वेद के अनुसार:
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अपेंडिक्स पाचन-अग्नि (जठराग्नि) और
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आम (toxins) के संतुलन में सहायक है
शाकाहारी भोजन:
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सात्त्विक होता है
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सूक्ष्म पाचन करता है
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जिसके लिए सहायक संरचनाओं (जैसे अपेंडिक्स) की आवश्यकता होती है
4️⃣ अपेंडिक्स हटने (Appendectomy) के बाद क्या?
यदि अपेंडिक्स हट भी जाए तो:
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जीवन चलता है
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लेकिन कुछ लोगों में:
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गैस
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IBS
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कमजोर पाचन
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बार-बार दस्त/कब्ज
देखे गए हैं (विशेषकर शाकाहारियों में)
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इसलिए बिना ज़रूरत अपेंडिक्स को बेकार अंग समझना गलत है।
5️⃣ शाकाहारी व्यक्ति अपेंडिक्स को स्वस्थ कैसे रखे?
✔ पर्याप्त फाइबर (सब्ज़ी, फल, अंकुरित)
✔ दही, छाछ (प्राकृतिक प्रोबायोटिक)
✔ बहुत ज़्यादा प्रोसेस्ड शाकाहारी भोजन से बचें
✔ बार-बार एंटीबायोटिक का प्रयोग न करें
✔ कब्ज़ न होने दें (अपेंडिक्स की सूजन का बड़ा कारण)

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