सुनहरी नगरी नामक एक छोटे से गाँव में एक बालक अर्जुन रहता था। वह बहुत चतुर और बुद्धिमान था, लेकिन उसकी एक बुरी आदत थी—वह हमेशा अपने कामों को टालता रहता था। पढ़ाई, खेल, या घर के काम—वह हर चीज़ के लिए …
Read more »राजा भोज के दरबार में लकड़ी काटने वाले भी संस्कृत बोला करते थे। प्राचीन भारत में यहाँ तक कहानी मिलती है कि पशु, पक्षी और सरीसृप भी संस्कृत में वार्तालाप किया करते थे। एक बार जंगल की पगडंडी से जाते हु…
Read more »बहुत समय पहले की बात है, एक सुंदर गाँव में एक छोटा सा बच्चा था जिसका नाम तारा था। वह बहुत ही नैतिक और सच्चा दिलवाला था। एक दिन, उसने अपने दादाजी से पूछा, "दादाजी, क्या हम अपने गॉंव धरा के सभी बच…
Read more »एक समय की बात है, जब एक राजा अपने राज्य में सुंदर सरोवर के मालिक थे। उनके सरोवर में बहुत सुंदर कमल के पुष्प खिले हुए थे और सरोवर के किनारे फलदार वृक्षों ने अपने फलों से सजीव किया था। इस जलाशय में बहु…
Read more »एक अकेला हाथी साथियों के लिए जंगल में खोजबीन कर रहा था ।
इसके तुरंत बाद, वह एक बंदर के पास आया और पूछा, "क्या हम दोस्त बन सकते हैं, बंदर ?"
तुम बड़े हो और पेड़ों पर मेरी तरह नहीं झूल सकते, इ…
संस्कृत में एक श्लोक है उपदेशो ही मूर्खाणां प्रकोपाय न शान्तये।पयः पानं भुजङ्गानाम केवलं विषवर्धनं।।
अर्थात जिस प्रकार सर्प को दूध पिलाने से उसका विष और बढ़ता है विष कम नहीं होता, उसी प्रकार मुर्ख को …
एक *चूहा* एक कसाई के घर में बिल बना कर रहता था। एक दिन *चूहे* ने देखा कि उस कसाई और उसकी पत्नी एक थैले से कुछ निकाल रहे हैं। चूहे ने सोचा कि शायद कुछ खाने का सामान है। उत्सुकतावश देखने पर उसने पाया …
Read more »गोनू झा और भाना झा की कहानी गोनू झा और भाना झा दो भाई थे । गोनू झा बड़े भाई अपने छोटे भाई का ख़याल रखते थे । दोनो आपस में बड़े प्यार से रहते थे । बड़े हुए दोनो की शादी हो गयी । शादी के बाद दोनो भाइयो…
Read more »तीन तरह का हठ प्रसिद्ध है । बाल हठ राज़ हठ और त्रिया हठ । राजा अगर कोई बात ठान ले तो उसे पूरा कर के ही रहता है । ऐसे ही एक कहानी है जिसमे एक राजा जिद मे आकर नदी की पानी को रोक दिया था जो उसके राज स…
Read more »पुनर्मूषिको भव - अर्थात् फिर से चूहा जाओ
पुनर्मूषिको भव ->यह कथा बहुत महत्वपूर्ण और शिक्षाप्रद है। यह कहानी एक कृतघ्न चूहे के प्रति है जो ऋषि के आशीर्वाद से बाघ बन गया और फिर ऋषि पर आक्रमण करने…
एक जंगल मे तीन जानवर मित्रता से रहते थे। तीनो मित्र एक दुसरे के काम आते और सुख दुख मे एक दुसरे की मदद करते। ये तीनो मित्र कछुआ , हिरण और कौआ थे । वो तीनो एक दुसरे को उनके दुष्मनो की सुचना दे…
Read more »एक बार की बात है़.एक शिकारी जंगल मे शिकार करने गया था. दिन भर शिकार के पीछे दुर दुर तक भागने के बाद भी वह उस दीन कोई शिकार नही कर सका. मृगया के स्रम से थककर वह एक पेड़ के नीचे लेटकर विस्राम करने ल…
Read more »जून का महीना था । धूप बडी तेज पड़ रहीं थी।
पशु और पक्षी भी प्यास से घबरा रहे थे । सरोवरों
और तालाबों में पानी सूख गया था।
एक कौआ बडा प्यासा था । वह उड़-उड़कर कई
जगह गया, पर उसे कहीं पानी की एक बूंद …
Social Plugin